नामांतरण खाता विभाजन एवं अभिलेख दुरुस्ती का आवेदन पटवारी को प्राप्त होने पर उसे पटवारी न्यायालय में प्रस्तुत करने होंगे तथा पक्षकार को न्यायालय में उपस्थित होना होगा।
पक्षकार गण की सुनवाई के पश्चात राजस्व न्यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही की जाएगी। राजस्व विभाग में आनलाईन आवेदन तीन प्रकार के होंगे-
- पंजीयन कार्यालय से प्राप्त आवेदन
- नागरिक द्वारा ऑनलाइन किए गए आवेदन
- हित अर्जन करने वाले व्यक्तियों से पटवारी को प्राप्त आवेदन
हल्का पटवारी द्वारा उक्त आवेदन को नामांतरण पंजी में ऑनलाइन online namantaran process दर्ज किया जावेगा तदुपरांत पीठासीन अधिकारी द्वारा पत्रकारों के समक्ष नामांतरण, खाता विभाजन एवं अभिलेख दुरुस्ती प्रकरण का कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी।
ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों को नामांतरण पंजी में ही ऑनलाइन दर्ज किया जाना सुनिश्चित किया गया है। वर्तमान में नामंत्रण, खाता विभाजन एवं अभिलेख दुरुस्ती प्रकरण जो अब तक लंबित है उसे नामांतरण पंजी में 31 सितंबर 2020 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।
1 अक्टूबर 2020 से भूमि स्वामी नागरिकों को ऑनलाइन आवेदन online namantaran process प्रक्रिया के द्वारा ही नामांतरण खाता विभाजन एवं अभिलेख दुरुस्ती प्रकरण को दर्ज किया जाएगा।
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