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मैनपुर। क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से भोर में कोहरे से आसमान ढकने लगी है सूरज निकलते ही कोहरे धीरे-धीरे गायब हो जाती है। किसानों का मानना है कि कोहरे जाने से बरसात नहीं होती और ठंड की शुरुआत हो जाती है ज्ञात हो कि मानसून की वापसी होने पश्चात भी घूमर-घूमर कर बरसात हो रही थी जिससे किसानों को काफी चिंता सताने लगी थी।
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पिछले कुछ दिनों से आसमान में सुबह कोहरा ही कोहरा दिखाई देने लगी है इससे यह उम्मीदें बड़ी है कि अब बरसात नहीं होगी और ठंड शुरुआत होने लगी है। ठंड के मौसम में ठंड न लगे और गर्मी के मौसम में गर्मी ना लगे तो आपको कैसा असर होगा ऐसा ही लोग सोचने लगे थे छत्तीसगढ़ में लोगों की कहना माने तो हरेली त्यौहार दिन से ही ठंड की शुरुआत हो जाती हैं।
आपको बता दें कि इस वर्ष अधिक मास डबल अश्वनी माह के होने से बरसात भी अधिक मास तक हुई है जिससे किसानों को चिंता होने लगी थी। आपको ज्ञात होगा कि इस वर्ष गर्मी के मौसम में हर सप्ताह बरसात हुई थी और अभी दशहरे के समय में भी ठंड का ना लगना चिंता का विषय बना हुआ है।
दिनोंदिन समय के बदलते मिजाज लोगों के लिए घातक साबित हो सकती है क्योंकि पिछले एक 2 वर्ष से दशहरे के समय ठंड का आभास नहीं हो रही है जबकि पहले दशहरे पर्व पर सांस्कृतिक कार्यक्रम रामलीला के समय अत्यधिक ठंड हुआ करती थी परंतु अब ऐसा कभी भी एहसास नहीं हो रही।
आसान भाषा में यूं कह लें की मौसम चक्र में बड़ी बदलाव दिखाई दे रही है जिसका असर मानव जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ रही है बेमौसम बारिश सर्दी के समय ठंड का ना लगना ग्रीष्म ऋतु में गर्मी का आभास ना होकर वर्षा होना यह सब मौसम चक्र में परिवर्तन के लक्षण है जिसका कहीं ना कहीं मानव जीवन बुरा असर पर पढ़ रहा है।
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