मैनपुर। 1 नवंबर को राजीव गांधी न्याय योजना के तहत किसानों के खाते में सीधे तीसरी किस्त की राशि जमा होने पश्चात मैनपुर विकासखंड के सभी किसान cooperative bank mainpur branch में राशि भुगतान हेतु घंटो घंटो तक लाइन में खड़े हुए।
आपको बता दें कि किसानों के लिए सबसे बड़ी दुविधा की बात इससे और क्या हो सकती है की किसान खेत में दिन भर मेहनत कर फसल उगा कर कृषि सहकारी समिति में अपनी उपज विक्रय करती है परंतु जब विक्रय की एवज राशि प्राप्त करने के लिए अपनी रोजमर्रा की कामकाज को छोड़कर बैंक के आगे लाइन में खड़ा होना पड़ता है।
वास्तव में किसानों की दिनचर्या कठिनाइयों से भरा हुआ संघर्ष में समय व्यतीत करना पड़ता है बावजूद उन्हें अपनी फसल का सही दाम नहीं मिल पाता।
किसान अपने खेतों में मूसलाधार बारिश हो अथवा कड़ाके की ठंड हो अपनी जान की बाजी लगाकर अपने स्वास्थ्य की चिंता ना कर देश दुनिया की पेट भरने के लिए अनु गाता है लेकिन उनके लिए सुविधा के लिए सरकार अब तक प्रयास करने में विफल रही है।
किसानों की घंटो तक बैंक के सामने लाइन लगाने की समस्या को दूर करने के लिए चाहे तो सभी किसानों को एटीएम डेबिट कार्ड मुहैया करा सकती है जिसकी जिम्मेदारी कॉपरेटिव बैंक को है परंतु किसानों को बैंक के अंदर अपनी राशि की जानकारी हेतु घुसने तक नहीं दिया जाता।
किसान को कैसे मालूम होगा कि उनके खाते में कितनी राशि है ना ही उन्हें प्रिंट आउट कर स्टेटमेंट दिया जाता है ,किसानों को उनकी खाती की राशि को मौखिक बता दिया जाता है कि आपके खाते में इतने रुपए राशि उपलब्ध है जबकि किसी भी बैंक की कस्टमर को जानने का अधिकार बनता है कि उनके खाते की स्टेटमेंट जानकारी प्राप्त कर सके।
कॉपरेटिव बैंक कि ग्राहकों को अब तक आधार नंबर से आहरण ( AEPS ) करने की सुविधा नहीं दी गई है यदि आधार नंबर से निकासी करने की सुविधा होती तो शायद ही बैंक में इतनी भीड़ इकट्ठा होती।
किसानों को यदि सहकारी समिति द्वारा चेक प्रदान की जाती तो किसान अपनी सुविधानुसार दूसरे बैंक के द्वारा भी अपनी फसल की राशि का भुगतान प्राप्त कर सकता है जिससे घंटो घंटो तक खड़े होने की समस्या दूर हो सकती है।
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कॉपरेटिव बैंक मैनपुर (cooperative bank mainpur) में यदि किसान अपनी खाते से संबंधित जानकारी के लिए बात करें तो उन्हें कर्मचारियों द्वारा धमका चमका कर डरा दिया जाता है।
यदि किसानों को AEPS सिस्टम द्वारा आहरण सुविधा दी जाती एटीएम डेबिट कार्ड मुहैया की जाती किसानों को चेक प्रदान की जाती तो किसानों के साथ यह समस्या नहीं होती।
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